मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मूक-बधिरों के लिए दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया को अधिक प्रामाणिक बनाने के लिए जिला अस्पतालों में बेरा डिवाइस लगाने के निर्देश दिए हैं. इससे बोगस प्रमाण-पत्र बनाने पर रोक लगेगी. सीएम ने मूक-बधिरों की शिक्षण संस्थाओं में सांकेतिक भाषा समझने वाले विशेषज्ञों और अध्यापकों को लगाने के निर्देश दिए. सीएम अशोक गहलोत ने अपने कार्यालय में दिव्यांगजनों के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा की. मुख्यमंत्री ने दिव्यांगों की समस्याओं को सुना. संवाद के दौरान इंटरप्रेटर की सहायता से मूक-बधिरों की समस्याओं को सांकेतिक भाषा में सुनकर मुख्यमंत्री द्रवित हुए. उन्होंने कहा कि अस्पतालों और थानों जैसी जगहों पर संवेदनशीलता के साथ अधिकारी मूक-बधिरों की सुनवाई कर सकें इसके लिए उन्हें इंटरप्रेटर उपलब्ध कराए जाने चाहिए. इसके लिए आमजन से जुड़े सरकारी कार्यालयों के कार्मिकों को सांकेतिक भाषा का विशेष प्रशिक्षण दिलाया जाएगा.