Random Video

शरद पूर्णिमा के दिन करेंगे इन 5 परंपरा का पालन, तो घर में आएगी खुशियां

2019-10-10 16 Dailymotion

आश्‍विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन आसमान में चंद्र नीले रंग का दिखाई देता है इसलिए इसे ब्लू मून भी कहते हैं। इस दिन खासतौर पर यह 5 कार्य जरूर करें।

1.चंद्रमा की चांदनी में रखें दूध या खीर : कहते हैं कि इस दिन चांद से अमृत बरसता है। अत: इस दिन आप छत पर चांद की रोशनी में चांदी के बर्तन में दूध या खीर रखें। ताकि चंद्रकिरणों से बरसता अमृत उसमें समा जाए। फिर उस दूध या खीर का चंद्रदेव को नैवेद्य अर्पण करने के बाद प्रसाद ग्रहण करें।

2.शरद पूर्णिमा पर करें इनका पूजन : शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी, चंद्रदेव, भगवान शिव, कुबेर, हनुमान और भगवान श्री कृष्ण की आराधना की जाती है। शरदपूर्णिमा की रात में की गई चंद्र पूजन और आराधना से साल भर के लिए लक्ष्मी और कुबेर की कृपा प्राप्ति होती है।

3.हनुमानजी की पूजा : शरद पूर्णिमा की रात में हनुमानजी की पूजा का बहुत ही महत्व है। इसके लिए उनके सामने मिट्टी का चौमुखा दीपक जलाएं जिसमें घी मिला हो। इससे आपको हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्त होगी और सभी तरह के संकट मिट जाएंगे।

4.पूर्णिमा का व्रत करें : शरद पूर्णिमा व्रत में सिर्फ दूध ही पिया जाता है या खीर खाई जाती है। रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद भोजन किया जाता है। लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रूप से किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन जागरण करने वाले की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।

5.पौराणिक कथा श्रवण : इस दिन शरद पूर्णिका की व्रत कथा सुनने के बाद व्रत का विसर्जन किया जाता है। व्रत कथा सुनने से जहां व्रत का लाभ मिलता है वहीं संतान सुख की प्राप्ति भी होती है।