अशुभ माना जाने वाला अंक ‘13’ थलसेना में शामिल होने के लिए कर्नल आशुतोष शर्मा के लिए भाग्यशाली रहा था और फौज में भर्ती होने के लिए अपनी साढ़े छ: साल की कोशिश के बाद वे आखिरकार 13वें प्रयास में कामयाब हुए थे। सेना की वर्दी पहनने के अलावा उनका कोई और सपना नहीं था।
उल्लेखनीय है कि उत्तर कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान रविवार सुबह शहीद होने वाले 5 सुरक्षाकर्मियों में कर्नल शर्मा भी शामिल थे। आतंकवाद का मुकाबला करने के दौरान अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वे 21वीं राष्ट्रीय राइफल्स के दूसरे कमांडिंग ऑफिसर हैं।
कर्नल शर्मा को याद करते हुए उनके बड़े भाई पीयूष ने कहा कि वे हमेशा ही अपने तरीके से काम किया करते थे, चाहे जो कुछ क्यों न हो जाए। जयपुर में एक दवा कंपनी में काम करने वाले पीयूष ने कहा कि उनका एकमात्र सपना थलसेना में भर्ती होना था, कुछ और नहीं।