आदिवासी समाज को भगवान राम की याद दिलाने के लिए संस्कृति मंत्रालय की ओर से आदिवासी इलाकों में रामलीला कराए जाने की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर पर्यटन और संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर का बयान भी सामने आया. उनका कहना है कि रामलीला भारत में हमेशा होती आई है. इस बार जनजाति समाज के बच्चों का चयन किया है.