कानपुर देहात ( Kanpur dehat)के जिला मुख्यालय से लगभग 40 किमी दूर बेहद ग्रामीण इलाके किशौरा गांव (Kishoraa Ganav )के रहने वाले बाबा रामकृष्ण कुशवाहा ( Ramkrisan Kushvaha)और उनके द्वारा तैयार किए गए नायाब फलदार पौधों और जड़ी बूटियों ( Herb) बाग चर्चा का विषय बन गया है।दरअसल रामकृष्ण कुशवाहा ( Ramkrisan Kushvaha) ने अपने पिता की प्रेरणा से प्रभावित होकर गांव में ही अपने करीब दो एकड़ निजी उपजाऊ जमीन पर प्राकृतिक सौन्दर्यता को सजोने का काम कर रहे है। यहीं नहीं इस बाग को रामबाग ( Rambag)के नाम पर बनाने का काम किया. रामबाग के नाम से प्रसिद्ध इस बाग में रामकृष्ण कुशवाहा अपनी पत्नी राजेश्वरी देवी के साथ रहकर 16 सालों से अनवरत बाग के पेड़-पौधों और उसमें रहने वाले जीव-जंतुओं की सेवा कर रहे हैं.।