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जैन मंदिर परिसर में लगाएंगे सौ पौधे, अन्य इलाकों को भी बनाएंगे हरा-भरा

2024-07-06 124 Dailymotion


हमारी यही कोशिश रहेगी कि पौधरोपण के जरिए हमारा शहर हरा-भरा बना रहें। अगले एक महीने में बारिश के इस मौसम में हम जैन मंदिर परिसर में एक सौ पौधे लगाएंगे। पौधरोपण का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। श्री राजस्थान जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक समाज गदग के अध्यक्ष पंकज बाफना मोकलसर ने यह बात कही। वे यहां राजस्थान पत्रिका के हरित प्रदेश अभियान में बोल रहे थे। श्री राजस्थान जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक समाज गदग के तत्वावधान में आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम में बाफना ने कहा कि पिछले वर्ष भी मंदिर प्रांगण में पौधे लगाए थे और इस साल भी हम पौधे लगाने का काम कर रहे हैं। पौधे लगाने को लेकर हम अन्य लोगों को भी प्रेरित करेंगे ताकि अधिकाधिक पौधरोपण हो सकें। प्रारम्भ में राजस्थान पत्रिका हुब्बल्ली के संपादकीय प्रभारी अशोक सिंह राजपुरोहित ने राजस्थान पत्रिका के हरित प्रदेश अभियान के बारे में जानकारी दी। ट्रस्टी निर्भयलाल हुण्डया मोकलसर ने कहा, पौधे नहीं लगाने से नुकसान हमें ही हैं। इसलिए यही कोशिश रहें कि जब भी हमें अवसर मिलें तब पौधरोपण के लिए जरूर आगे आना चाहिए। पर्यावरण की दिशा में हमें सोचना चाहिए। जिस तरह से प्रदूषण फैल रहा है, उससे बचने के लिए पौधे लगाने का काम सबसे बेहतर हो सकता है। सुरेश ओसवाल मुण्डारा ने कहा, मैं पिछले 25 साल से पौधे लगाने के मिशन में लगा हुआ हूं। हर साल कभी एक सौ तो कभी दो सौ तक पौधे लगा रहा हूं। अब तक चार से पांच हजार पौधे लगाए हैं। कमेटी मेम्बर राजेश श्रीश्रीमाल पादरू ने कहा, मन में एक सोच थी कि पौधे लगाने चाहिए। इसी भावना को लेकर स्टेडियम में वॉकिंग ग्रुप बनाया गया। पिछले दिनों ही बीस जामुन के पौधे लगाए गए। इसके साथ ही 70 फूलों के पौधे लगाए। अभी बारिश हो रही है तो आने वाले दिनों में और अधिक पौधे लगाए जाएंगे। अब किसी के जन्मदिन या किसी अन्य शुभ अवसरों पर भी पौधे लगाने शुरू किए गए हैं। इस कार्य में लोग खुशी-खुशी सहयोग भी करने लगे हैं। ट्रस्टी गौतम कवाड़ पादरू ने कहा, पौधों से ही हमें हरियाली मिल सकेगी। पौधों की महत्ता को हम पहचानें-समझें। पौधे बहुत गुणकारी है। इसलिए पौधे लगाने के लिए सदैव अग्रणी रहें। इस अवसर पर राजस्थान पत्रिका हुब्बल्ली के वितरण विभाग के रूपेश कुमार चौधरी भी उपस्थित थे। कमेटी मेम्बर महेन्द्र बंदामूथा सिवाना, अशोक कोठारी पाली, बाबूलाल खींवेसरा मांडाणी, रमेश भंसाली सिवाना समेत अन्य ने भी पौधे लगाने के साथ ही पौधों के रखरखाव करने का संकल्प लिया।