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ऑटोरिक्शा ड्राइवर आवारा पशुओं को रोजाना खिलाते हैं 300 किलो रोटियां, पिछले 14 साल से जारी है मिशन

2025-05-29 8 Dailymotion

गुजरात: अहमदाबाद की सड़कों पर एक ऑटो रिक्शा ड्राइव पिछले 14 साल से हर दिन खास मिशन पर निकलते हैं. ऑटोरिक्शा चालक किरणभाई पाटनी, आवारा पशुओं को रोजाना 300 किलो रोटियां खिलाते हैं.

ऑटोरिक्शा चालक और सामाजिक कार्यकर्ता  किरणभाई पाटनी का कहना है कि, "कोविड से अभी तक कम से कम चार लाख 67 हजार किलो कचरे और गटर में जाने वाले खुराक को उन लोगों ने इकट्ठा करके बेजुबान जानवरों को खिलाया है. उन्होंने कहा कि, वैसे कुत्ते जिनको दो-दो, तीन-तीन दिन से  खाना नहीं मिलता है, उन्हें भोजन देते हैं. उन्होंने कहा कि, कोविड के समय उन्होंने बहुत ज्यादा काम किया है.

हर सुबह किरणभाई पाटनी अपने ऑटोरिक्शा में बची हुई रोटियां और खाने की दूसरी चीजे इकट्ठा करने के लिए निकल पड़ते हैं. इसे वे अहमदाबाद में आवारा और भटकने के लिए छोड़े गए पशुओं के लिए बनाए गए पुनर्वास केंद्र करुणा मंदिर में पहुंचा देते हैं.

पशुओं के लिए हर दिन करीब 300 किलो बची हुई रोटियां इकट्ठा करने वाले किरणभाई बताते हैं कि वे अपने पिता और दादी के नक्शेकदम पर चलते हुए 14 साल से ये काम कर रहे हैं. किरणभाई ने बेजुबान जानवरों की सेवा करने को अपनी जिंदगी का मिशन बना लिया है.

किरणभाई समाज में जागरूकता बढ़ाना चाहते हैं कि बचा हुआ खाना फेंका नहीं जाना चाहिए, बल्कि उसे आवारा और छोड़े गए पशुओं को खिलाने के लिए इकट्ठा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि, समाज में अवेयरनेस की जरूरत है. बचा हुआ खाना ये लोग ऐसे ही छोड़ देते हैं. वास्तव में बचे हुए खाने की इज्जत करनी चाहिए. 

खाना इकट्ठा करने के काम में कई और लोग भी किरणभाई के साथ जुड़ चुके हैं. उनकी ये टीम अहमदाबाद के बाजारों से 100 किलो से ज्यादा बेकार सब्जियां इकट्ठा करती है और उसे शहर के पंजरापोल इलाके में स्थित पशु आश्रय में पहुंचाया जाता है. अपनी रोजमर्रा की जिम्मेदारियों से निपटने के बाद किरणभाई रोजीरोटी के लिए ऑटोरिक्शा चलाते हैं.

किरणभाई बताते हैं कि उन्होंने पिछले 14 साल से एक भी दिन छुट्टी नहीं ली क्योंकि अगर वे ऐसा करेंगे तो जिन जानवरों को वे खाना खिलाते हैं वे भूखे रह जाएंगे.

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